भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी बेस को ध्वस्त कर दिया. इसे लेकर पाकिस्तान में बुधवार (7 मई 2025) हाई लेवल की बैठक हुई, जिसमें भारतीय एयरस्ट्राइक को लेकर चर्चा हुई. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बुधवार शाम को इस मुद्दे पर संसद को संबोधित कर सकते हैं. भारतीय सेना ने बुधवार तड़के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक किया.
PAK सेना ने मांगी जवाबी कार्रवाई की इजाजत
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सभी सेनाओं के प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. एनएससी की बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली और सुरक्षा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई. भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया है. पाक सेना ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से छूट मांगी है. इस पर शहबाज ने कहा कि उन्होंने अपनी सेना को खुली छूट दी है. उन्होंने कहा कि सेना को पूरा अधिकार है.
भारत के एयरस्ट्राइक से डरा पाकिस्तान
पाकिस्तान ने हर बार की तरह एक बार फिर कहा कि उसके क्षेत्र में आतंकवादी शिविर मौजूद नहीं हैं. पाकिस्तान ने दोहराया कि हमने पहलगाम आतंकी हमले के बाद जांच की मांग की थी. भारत के एयरस्ट्राइक से डरा पाकिस्तान ने एक बार फिर कहा है कि वह शांति चाहता है.
भारत की ओर से की गई सैन्य कर्रवाई के कुछ घंटों के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अगर भारत नरम रुख अपनाता है तो पाकिस्तान दोनों देशों के बीच के तनाव को खत्म करने के लिए तैयार है. पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद सख्त जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किये, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं.
ऑपरेशन सिंदूर की अहमियत समझें
द हिंदू के फॉरेन एडिटर स्टैनली जॉनी ने लिखा, “भारत का ऑपरेशन सिंदूर इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत ने भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 150 किमी दूर बहावलपुर और लाहौर से लगभग 40 किमी दूर मुरीदके को निशाना बनाया। ये दोनों ही स्थान पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण सूबे पंजाब में हैं। बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है और मुरीदके को लश्कर-ए-तैयबा का बेस माना जाता है। भारत ने इन जगहों पर कई हमले किए। ऐसा प्रतीत होता है कि ये सभी हमले भारतीय हवाई क्षेत्र से अंदर से किए गए, 2019 के बालाकोट हमले के विपरीत जब दुश्मन के इलाके में एक जेट को गिरा दिया गया था।”
पाकिस्तान के खिलाफ जारी रहेंगे भारत के एक्शन
उन्होंने आगे कहा, “इस बार, भारत ने अधिक व्यापक, अधिक परिष्कृत और परिणाम-उन्मुख हमले किए। 2016 के बाद से, भारत ने खेल के नियमों को फिर से लिखा है- आर्थिक और कूटनीतिक दंड के लिए कदम जारी रहेंगे, लेकिन प्रत्यक्ष सैन्य प्रतिक्रिया की एक अतिरिक्त परत के साथ। परमाणु हथियार सीमित सीमा पार हमलों को रोक नहीं पाएंगे। यह एक जोखिम भरा रास्ता है, लेकिन भारत ने हाल के वर्षों में अधिक जोखिम उठाने की क्षमता दिखाई है। इसने ‘#ऑपरेशन सिंदूर’ में इस दृष्टिकोण को मजबूत करने की कोशिश की है।”
भारत ने पाकिस्तान की हवा निकाली
स्टैनली जॉनी ने लिखा, ” पाकिस्तान का कहना है कि उसने भारतीय जेट विमानों को मार गिराया, लेकिन अपने दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया। जेट विमानों के बारे में जो भी तथ्य हों, भारतीय हमलों ने वास्तव में पाकिस्तान की प्रतिरोधक क्षमता में छेद कर दिया (जो अपने परमाणु हथियारों के बावजूद अपेक्षाकृत कमजोर है। याद रखें, पिछले साल ईरान ने भी पाकिस्तान पर हमला किया था)। पाकिस्तान आगे क्या करता है, यह उभरते संघर्ष की दिशा तय करेगा।”
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई का होगा व्यापक असर
उन्होंने यह भी बताया, “जैसा कि उन्होंने हमलों को स्वीकार किया है (जिन्हें वैसे भी छिपाना मुश्किल है), पाकिस्तान द्वारा जवाबी हमलों के साथ जवाब देने की संभावना है। लेकिन सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान भारत के गढ़ को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर हमले करेगा ताकि प्रतिरोधक क्षमता को फिर से स्थापित किया जा सके या घरेलू दर्शकों को शांत करने के लिए एक सांकेतिक हमला करके तनाव कम करने की दिशा में कदम उठाए। यदि पाकिस्तान पहले वाला विकल्प चुनता है, तो भारत भी अपनी आक्रामकता बढ़ाने का विकल्प चुन सकता है।”