इस्लामाबाद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आज अपने कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों और तीनों सेना प्रमुखों के साथ आईएसआई मुख्यालय पहुंचे। शहबाज शरीफ को आईएसआई की तरफ से क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े घटनाक्रम और भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पारंपरिक सैन्य विकल्पों और हाइब्रिड युद्ध रणनीति सहित उभरते खतरे के परिमाण से अवगत कराया गया। इस दौरान एक तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा, जिसमें आईएसआई का शीर्ष नेतृत्व शहबाज शरीफ और दूसरे अतिथियों के साथ मौजूद था। इस तस्वीर को आईएसआई के इतिहास में काफी दुर्लभ माना जा रहा है।
तस्वीर के पीछे की रणनीति समझें
पाकिस्तानी पत्रकार असद तुर ने लिखा, “प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के आईएसआई मुख्यालय के दौरे के बाद जारी की गई तस्वीरें दिलचस्प हैं। मुझे याद नहीं पड़ता है कि पाकिस्तान सरकार या आईएसपीआर ने कभी आईएसआई के विभिन्न अनुभागों के सभी प्रमुखों की एक फ्रेम में तस्वीर जारी की हो। ऐसा लगता है कि आईएसआई के महानिदेशक असीम मलिक दिखा रहे हैं कि उन्हें अपनी पूरी जासूसी एजेंसी आईएसआई, सैन्य खुफिया, मातृ संगठन पाकिस्तान आर्मी और और संघीय कैबिनेट/राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का आदेश/समर्थन प्राप्त है, ताकि वे भारत या किसी पश्चिमी/खाड़ी मध्यस्थ के साथ बातचीत/बैक चैनल शुरू करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अपनी अतिरिक्त भूमिका निभा सकें।”
पाकिस्तान ने क्या बताया
सरकारी रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ के साथ उप प्रधानमंत्री/विदेश मंत्री इशहाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और सेना प्रमुख भी मौजूद थे। रिपोर्ट में आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए कहा गया है, ‘‘इस दौरे में मौजूदा सुरक्षा हालात पर विस्तृत जानकारी दी गई, जिसमें पाकिस्तान की पूर्वी सीमा पर भारत के बढ़ते आक्रामक और उत्तेजक रुख के मद्देनजर पारंपरिक खतरे के खिलाफ तैयारियों पर विशेष जोर दिया गया।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘नेतृत्व को क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े घटनाक्रम और पारंपरिक सैन्य विकल्पों, हाइब्रिड युद्ध रणनीति सहित उभरते खतरे के परिमाण से अवगत कराया गया।’’
शहबाज शरीफ ने दी गीदड़भभकी
रिपोर्ट में कहा गया है कि शरीफ ने पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के किसी भी उल्लंघन को रोकने और निर्णायक रूप से जवाब देने के लिए राष्ट्रीय सतर्कता, निर्बाध अंतर-एजेंसी समन्वय और मजबूत परिचालन तत्परता की अनिवार्यता को रेखांकित किया। पिछले हफ्ते, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।