भोपाल/दिल्ली:
लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल में सदस्यों के पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अपने बेटों की शादी के बाद आज से वह गृहस्थ से वानप्रस्थ आश्रम में जा रहा हूं। वह अपना पूरा समय किसानों की सेवा में लगाएंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि आज मेरे बेटों की शादी के बाद रिसेप्शन है। कल से मैं वानप्रस्थी हो जाऊंगा और अपना पूरा समय किसानों की सेवा करने में लगाऊंगा, क्योंकि उनकी सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है।
फसल बीमा योजना पर दे रहे थे जवाब
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संबंधी सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से पहले फसल के नुकसान के लिए मुआवजे की सबसे छोटी इकाई तहसील होती थी। इसमें एक, दो या इससे अधिक गांवों के खेतों की अगर फसल बर्बाद हो जाती थी तो मुआवजा उस वक्त तक नहीं मिलता था। जब तक की तहसील स्तर पर फसल बर्बाद नहीं हो जाती थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में गांव को सबसे छोटी इकाई बनाया गया। नतीजा यह है कि अब एक गांव में फसल को नुकसान होने पर भी किसानों को मुआवजा मिलता है।
प्रियंका गांधी ने पूछा था सवाल
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड के संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा कि किसान चाहे केरल का हो या कर्नाटक का, किसान होता है। हम सब भारत मां के लाल हैं और भेदभाव का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि जब भी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं तो नीति आयोग की सिफारिश के अनुसार केंद्र सरकार राज्यों को धन देती है और कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा हो तो केंद्र सरकार विशेष दल भेजकर अतिरिक्त राशि भी देती है।
केरल को दिए 138 करोड़ रुपये
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केरल को भी एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत कोष) के तहत 138 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए। केंद्रीय मंत्री ने स्पीकर के माध्यम से प्रियंका गांधी को बताया कि वह उन्हें आश्वस्त करना चाहते हैं कि कहीं भी संकट आएगा तो केंद्र बिना भेदभाव के राज्य के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि जहां भी किसानों पर प्राकृतिक संकट आएगा। वह चाहे किसी भी राज्य और गांव के हों। भारत सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी।
एक दशक पहले खराब थी स्थिति
उन्होंने बताया कि एक दशक पहले किसानों की हालत बहुत खराब थी। लेकिन इस सरकार के आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नहीं, अनेक उपाय किए गए हैं। जिसके कारण किसानों की हालत लगातार सुधर रही है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार किसानों की हालत सुधारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने किसानों की डिजिटल पहचान के रूप में किसान आईडी बनाने के फायदे भी बताए।