ये जंग-ए-आजादी की दूसरी लड़ाई… वक्फ बचाओ कॉन्फ्रेंस में बोले मोहम्मद सुलेमान

नई दिल्ली:

नए वक्फ कानून को लेकर देश का सियासी पारा हाई है। अलग-अलग मुस्लिम संगठन देशभर में ‘वक्फ बचाव अभियान’ के जरिए विरोध प्रदर्शन कर रहे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की अगुवाई में देश के तमाम मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधिओं ने मंगलवार को दिल्ली में वक्फ कानून के विरोध में एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाई। कार्यक्रम में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए। ओवैसी ने एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखने की बात कही। ओवैसी ने नए वक्फ एक्ट के तहत प्रैक्टिसिंग मुसलमान की परिभाषा पर भी सवाल उठाए।

इस मौके पर इंडियन नेशनल लीग के मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि यह जंग-ए-आजादी की दूसरी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि एक क्रांति आएगी जो जालिमों को बहाकर ले जाएगी। वक्फ कानून के विरोध में दिल्ली में हुई बैठक में अपनी आवाज बुलंद की। उधर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा, ‘हम सरकार को संदेश देना चाहते हैं कि यह देश पार्टी के घोषणापत्र से नहीं चलेगा। इस देश को संविधान के हिसाब से चलना चाहिए।’

वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम संगठन अब पूरी तरह से सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में मुस्लिम संगठन एकजुट होकर वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ (वक्फ की हिफाजत) नाम से बड़ा आयोजन चल रहा है।

क्या है विरोध की वजह?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों की प्रकृति और स्वायत्तता को सीधे नुकसान पहुंचाएगा, जिसे वे इस्लामी मूल्यों, शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान के खिलाफ मानते हैं। बोर्ड का दावा है कि नए कानून से वक्फ संपत्तियों को सरकार या व्यक्तियों के लिए हड़पना आसान बनाएगा। कानून में गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने और जिला अधिकारी को संपत्तियों का मूल्यांकन करने का अधिकार देने का विरोध किया जा रहा है।

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